सड़क बनाने के लिए 200 करोड़ फूंक रहा लोनिवि कभी भी जमींदोज होने वाली पहाड़ी पर

सड़क बनाने के लिए 200 करोड़ फूंक रहा लोनिवि कभी भी जमींदोज होने वाली पहाड़ी पर

बिलासपुर
जो पहाड़ी कभी भी दरक सकती है, उस पर लोक निर्माण विभाग 200 करोड़ रुपये फूंककर सड़क बनाने जा रहा है। विभाग को भी इस खतरे का अहसास है, बावजूद इसी पहाड़ी से 200 करोड़ की लागत से सलापड़-तत्तापानी वाया मैंदला सड़क निकाली जा रही है। सड़क की लंबाई करीब 60 किमी है । मामला बिलासपुर-सोलन-मंडी की सीमा पर स्थित धन्यारा पंचायत के कांडी गांव का है। साल 2014 में कांडी गांव की पहाड़ी में दरार पड़ गई थी। इससे आठ परिवारों के घर गिर गए।

पहाड़ी की दरार बढ़ती जा रही है। खतरे को देखते हुए साल 2017 में एसडीएम सुंदरनगर के गांव के लोगों को घर छोड़ने के लिए नोटिस दिया। कहा गया कि यहां रहना खतरे से खाली नहीं है। पहाड़ी गिरने के खतरे से ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर हो गए। पुश्तैनी घर और जमीन छोड़कर कई लोग वहां से पलायन कर गए। हैरानी इस बात की है कि प्रशासन ने इन लोगों की सुध तक नहीं ली। इन्हें हर्जाना तक नहीं दिया गया।

ये लोग आज भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इस पहाड़ी में कोलडैम झील बनने के बाद साल 2014 में दरार आ गई थी। वो परिवार जिनके घर इस पहाड़ी में आई दरार में ढह गए थे, वो आज भी खानाबदोश वाली जिंदगी जीने को मजबूर हैं। ध्न्यारा पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि यह पहाड़ी कभी भी आपदा की भेंट चढ़ सकती है। यह बात समझ से परे है कि लोनिवि इसी स्थान से सड़क क्यों निकालने जा रहा है। 

पूर्व प्रधान हुकम चंद, नंद लाल, भागीरथ, कांशी राम, सीता राम, टेक चंद, ध्वालु राम, संतोष कुमार, वेली राम, पूर्ण चंद, बृज लाल, चमन लाल ने कहा कि इस सड़क का सर्वे वाया मैंदला हुआ है। सड़क को यहां से बनाना खतरे से खाली नहीं। विभाग को चाहिए कि सड़क को कांडी गांव के ऊपर से ले जाया जाए। 

मौके का किया है निरीक्षण, उच्च अधिकारियों भेजी रिपोर्ट
टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया है। जहां से सड़क निकलनी है, वहां पर स्लिप सर्कल है। जो बढ़ ही रहा है। आने वाले कितने समय में वो झील में मिलेगा इसका पता नहीं है। दूसरी तरफ से सड़क निकालने के लिए छह किलोमीटर की दूरी बढ़ रही है। वन विभाग की मंजूरी भी नहीं है। वहीं अगर अलाइनमेंट बदली जाती है तो इस सड़क का बजट बढ़ जाएगी। उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट दे दी गई है। केके कौशल, एसई, लोनिवि मंडी।

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